मैं अपना रास्ता बनाने वाला हूँ
मैं नगर के बीच जाने वाला हूँ
इधर उधर टहलो, टिक जाओ,
मेरे लिए कुछ सही पीने को खोजो
हेल्मेट नहीं चाहिए
जिंदगी बिताने के लिए
मैं पानी के पार चलता हूं
मूर्खतापूर्ण गर्व को दोष दें
मुझे उठाते हुए
नीचे खींचते हुए
तुम मुझे देते हो सिर्फ़ अनिश्चितता
वही पुराना चक्कर
मुझे ऊपर लाना
मुझे सम्पूर्ण रखना
अब मुझे लगता है कि मैं रह रहा हूँ
जी रहा हूँ एक धूल के कटोरे में